सेक्स एजुकेशन (यौन शिक्षा) सेक्स के सभी पहलुओं के बारे में बताती है। इसमें सेक्स से जुड़ी भावनाएं, जिम्मेदारियां, मनुष्य के शरीर की रचना, यौन क्रियाकलाप, प्रजननता, इसके लिए सही उम्र, प्रजनन के अधिकार, सुरक्षित सेक्स, जन्म नियंत्रण व सेक्स में संयम जैसे विषयों के बारे में विस्तार से बताया जाता है।
इस तरह की शिक्षा के लिए स्कूल, सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम व परिवार के अभिभावकों द्वारा कई कार्य किये जाते हैं। पहले इस विषय पर किशोरों को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं दी जाती थी। समाज में इन विषयों पर बात करना भी गलत माना जाता था। थोड़ी बहुत जितनी भी जानकारी दी जाती थी, वो भी घर के लोगों द्वारा ही दी जाती थी और इसको भी शादी से पहले बंद कर दिया जाता था। लेकिन 19वीं शताब्दी में इस तरह की शिक्षा के लिए अंदोलन चलाया गया। इसके बाद से ही सेक्स के विषय में पूरी जानकारी बच्चों और युवाओं को दी जानें लगी।
सेक्स एजुकेशन में महिलाओं व पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के साथ ही गर्भावस्था व बचाव के बारे में विस्तार से बताया जाता है। इससे युवाओं को यौन संबंधों से होने वाली बीमारियों व संक्रमण, जैसे एचआईवी, एसटीडी आदि के प्रति जागरूक किया जाता है और इन बीमारियों से युवा वर्ग को बचाने के लिए तरीके भी समझाए जाते हैं। इसलिए सेक्स एजुकेशन हर बच्चे व किशोर को घर या स्कूल में जरूर दी जानी चाहिए।
यह बुक आपको सेक्स के हर पहलू को समझने में मदद करेगी।